अयोध्या जिले में, जहाँ धार्मिक आस्था और परंपराएं गहराई से जुड़ी हुई हैं, वहीं एक व्यक्ति हैं जिन्होंने मानवता की सच्ची परिभाषा को जिया है—डॉ. कुमार मंगलम यादव। ये वही नाम है जिसे लोग लावारिश पशुओं के मसीहा के रूप में जानते हैं। पिछले 16 वर्षों से, डॉ. यादव लगातार बिना किसी स्वार्थ या प्रचार के, मूक और लावारिस पशुओं की सेवा में समर्पित रहे हैं।
एक इंसान जो समझता है बेजुबानों का दर्द
डॉ. कुमार मंगलम यादव न केवल एक पशु चिकित्सक हैं, बल्कि उन सभी बेजुबानों के लिए एक उम्मीद की किरण हैं जो अपनी पीड़ा को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते। चाहे गर्मियों की तपती धूप हो या सर्दियों की कड़ाके की ठंड, डॉ. यादव ने हमेशा इन बेसहारा पशुओं के लिए स्वच्छ पानी, भोजन, और मुफ्त चिकित्सा सेवाओं का प्रबंध किया है। उनके इस कार्य ने न केवल अयोध्या में बल्कि आसपास के कई जिलों में भी पशु प्रेमियों को प्रेरित किया है।
अकेले शुरू किया सफर, बन गया एक कारवां
डॉ. यादव की इस सेवा यात्रा की शुरुआत अकेले हुई थी। बिना किसी सरकारी सहायता, एनजीओ, या ट्रस्ट की मदद के, उन्होंने अपने आय के एक हिस्से को इस महान कार्य के लिए समर्पित किया। धीरे-धीरे, उनका यह सफर एक आंदोलन में बदल गया। आज, अयोध्या और उसके आसपास के कई जिलों में डॉ. यादव द्वारा शुरू की गई मुफ्त पशु चिकित्सा सेवा सुचारू रूप से चल रही है।
सेवा में समर्पण और समाज की सराहना
डॉ. यादव का यह अनूठा पशु सेवा कार्य कई सामाजिक संगठनों, स्थानीय अखबारों, चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सराहा गया है। उनकी सेवा भावना और निस्वार्थ प्रयासों के कारण, समाज के कई हिस्सों से उन्हें सम्मानित किया गया है। राज्य सरकार से भी उन्हें पुरस्कृत करने की मांग की जा रही है।
निष्कर्ष
डॉ. कुमार मंगलम यादव ने यह साबित कर दिया है कि इंसानियत का असली मोल किसी धर्मग्रंथ से नहीं, बल्कि सेवा और करुणा से तय होता है। उनकी यह सेवा यात्रा हमें सिखाती है कि यदि मन में सच्ची सेवा भावना हो, तो अकेले भी एक व्यक्ति बदलाव की लहर पैदा कर सकता है।
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